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Thursday, June 18, 2009

!!! अस्तित्व !!!

तलाशती हु तुझमें ही अपना अस्तित्व,
खोजती हु तुझमें ही अपना चेहरा,
ख़ुद को मिटाकर बनाना चाहती हु तुझको,
ख़ुद बुझकर रोशन करना चाहती हु तुझको!

मेरे अन्दर की खामोशी तलाशती है तेरी आवाज़,
सुनती है तेरी साँसों की आवाज़,
जानती हु मैं ये सच है लेकिन,
मिटा भी दू मैं खुदको,
तो भी गूम ही रहेगा मेरा "अस्तित्व"