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Thursday, September 24, 2009

छोटी फिल्में बड़ा बाज़ार


पिछले कई दशकों से हमारे सिने प्रेमी बड़े बजट की बड़े सितारों वाली फिल्मों को बड़े परदे पर देखकर अपनी जेबों में बड़ा सा छेद कर लेते थे, और संतुष्टि के नाम पर मिलता कुछ ख़ास नही था। बार बार का वही दोहराव और उबाउपन। वही चहेते सितारे और ठुमके लगती हुई हेरोइनेस जिनके हिस्से में अभिनय तो नाम मात्र का ही आता था। पर अब हमारे फ़िल्म जगत में नए निर्देशकों के आने से नई विचारधारा ने जनम लिया है, अब छोटे बजट में ही कई प्रयोगधर्मी फिल्में बन रही हैं और दर्शकों द्वारा पसंद भी की जा रही है। और ये बहुत अच्छे स्तर पर लोगों का मनोरंजन भी कर रही हैं! इन फिल्मों की खासियत है-

१ कसी हुई पटकथा
२ चुस्त संवाद
३ नए चेहरे
४ नए विषय
५.अलग त्रेत्मेंट
६ और ताज़ापन

ऐसी ही फिल्मों में है - दसविदानिया, संकट सिटी, देव डी ...............

ये तो सिर्फ़ कुछ नाम हैं, आज जब बड़े बजट की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुह गिर रही हैं, ये छोटी फिल्में बड़े स्तर पर लोगों द्वारा सराही जा रही हैं! जो की निश्चय ही एक बड़ा बदलाव है!!!

Wednesday, September 23, 2009


!!! मेरी आंखों में सोये सारे ख्वाब जगा दो, मेरा खोया हुआ बचपन फ़िर से लौटा दो!!!!
!!! ज़िन्दगी है खामोश कश्ती की तरह, इसमें भरके रवानगी ज़रा जीने की वजह दो!!!